16-10-2020 today thought.
Never give up, I can
*!! मेरा बचपन !!*
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फरिश्ता था जो मेरी हर एक फरियाद यू सुनता था
तेरे अनगिनत सायों के सहारे जिया हूं मैं
पर कुछ रह गया तेरे गर्भ में मेरा वजूद
जो हर लम्हा यह दुआ करती है सलामत रहे तू हर जहां।
टूटे-फूटे लफ्जों से यू बोला हूं, जब भी बोला हूं प्यारा बोला हूं,
ना कोई शिकवा था, ना कोई भविष्य की यातनाएं थी
जब था, हर पल था, हर क्षण था सिर्फ खुशियों का आगमन था
शायद इस जहां में खो गया मेरे ख्वाबों का शहर जो बचपन में देखा था
जवान हुआ तो टूट गए सारे बचपन के सपने, कोई डॉक्टर था, तो कोई पुलिस था तो कोई था फौजी
जब भी बचपन की उन लम्हों को याद किया जाता है तो आंखें नम हो जाती है
क्यों चला गया मेरा बचपन भूतकाल के अंधकारमय शहरों में, मेरी रूह भी जिंदा है उस शहर में,
वह मिट्टी में खेलना वह पानी में खेलना, अभी याद है इस जिंदगी का अनकहा नियम था,
वरना बचपन को छोड़कर जवां कौन होना चाहता है
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*!! हमेशा प्रसन्न रहिए,
जो प्राप्त है पर्याप्त है!!*
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English translation:-
Never give up, I can
* !! My childhood !!*
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It was an angel who used to listen to my every complaint
I have lived with your countless shadows
But something remained in my womb
Whatever you pray for every moment, stay safe every where.
I have spoken with broken words, whenever I have said I am lovely,
There was no shikwa, nor any future tortures
When was, every moment, every moment was just the arrival of happiness
Probably lost in this place, the city of my dreams which I saw in my childhood
When he was young, all his childhood dreams were broken, some were doctors, some were police and some were military
Whenever those moments of childhood are remembered, the eyes become moist.
Why did my childhood go to the dark cities of the past, my spirit is alive in that city,
He plays in clay, he plays in water, just remember this was the untold rule of life,
Otherwise who wants to be young except childhood.
* !! Always be happy,
Whatever is received is enough !! *
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