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13 November victory over errors

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Never give up, I can आज का प्रेरक प्रसंग*        !! *त्रुटियों पर विजय* !! -------------------------------------------                      अपनी बहन इलाइजा के साथ एक किशोर बालक घूमने निकला। रास्ते में एक किसान की लड़की मिली। वह सिर पर अमरूदों का टोकरा रखे हुए उन्हें बेचने बाज़ार जा रही थी। इलाइजा ने भूल से टक्कर मार दी, जिससे सब अमरूद वहीं गिरकर गन्दे हो गये। कुछ फूट गये, कुछ में कीचड़ लग गई। गरीब लड़की रो पड़ी। “अब मैं अपने माता पिता को क्या खिलाऊंगी जाकर, उन्हें कई दिन तक भूखा रहना पड़ेगा।” इस तरह अपनी दीनता व्यक्त करती हुई वह अमरूद वाली लड़की खड़ी रो रही थी। इलाइजा ने कहा- “भैया चलो भाग चलें, कोई आयेगा तो हमे मार पड़ेगी और दण्ड भी देना पड़ेगा। अभी तो यहाँ कोई देखता भी नहीं।” बहन देख ऐसा मत कह, जब लोग ऐसा मान लेते हैं कि यहाँ कोई नहीं देख रहा, तभी तो पाप होते हैं। जहाँ मनुष्य स्वयं उपस्थित है वहाँ एकान्त कैसा? उसके अन्दर बैठी हुई आत्मा ही गिर गई तो फिर ईश्वर भले ही दण्ड न दे वह अपने आप ही मर जाता है। गिरी हुई आत्मायें ही संसार में कष्ट भोगती हैं, इसे तू नहीं जानती, मैं जानता हूँ। इतन

12 Nov. Believe In Yourself

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Never give up, I can ❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️ *👇👇 आज का प्रेरक प्रसंग 👇👇*                        जंगल में कौन सा जानवर सबसे बड़ा है?  मैंने सुना है आप हाथी कहते हैं।  कौन सा जानवर सबसे लंबा है?  मैंने सुना है आप कहते हैं, जिराफ।  कौन सा जानवर सबसे बुद्धिमान है?  मैंने सुना है आप फॉक्स कहते हैं।  सबसे तेज कौन सा जानवर है?  मैंने सुना है आप चीता कहते हैं।  इन सभी अद्भुत गुणों का उल्लेख किया गया है, चित्र में शेर कहाँ है?  और फिर भी हम कहते हैं कि शेर जंगल का राजा है।  क्यों?  क्योंकि शेर साहसी होता है।  शेर बोल्ड है  शेर आत्मविश्वास से चलता है  शेर निडर है  शेर ऊपर और बाहर जाने की हिम्मत करता है और वह कभी डरता नहीं है।  शेर अजेय है क्योंकि वह खुद पर विश्वास करता है।  और सिंह को अपने द्वारा प्राप्त हर अवसर का सबसे अधिक लाभ होता है, वह कभी अपने हाथों से अवसर की पर्ची नहीं बनाते हैं।  तो आज हम शेर से क्या सीख सकते हैं?  आपको सबसे तेज़ होने की आवश्यकता नहीं है,  आपको सबसे बुद्धिमान होने की आवश्यकता नहीं है,  आप सबसे चतुर होने की जरूरत नहीं है,  या सबसे शानदार।  आपको बस हिम्मत, साहस, कोशिश कर

11 november 2020 Reality of consumption

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Never give up, I can *इन पांच लघु कहानी से समझे* *उपभोगवाद की हकीकत* ------------------------------------                     1. सर में भयंकर दर्द था सो अपने परिचित केमिस्ट की दुकान से सर दर्द की गोली लेने रुका। दुकान पर नौकर था, उसने मुझे गोली का पत्ता दिया , तो उससे मैंने पूछा गोयल साहब कहाँ गए हैं , *तो उसने कहा साहब के सर में दर्द था ,* *सो सामने वाली दुकान में कॉफी पीने गये हैं।* अभी आते होंगे! मैं अपने हाथ मे लिए उस दवाई के पत्ते को देखने लगा.? 🤔🤔 2. माँ का ब्लड प्रेशर और शुगर बढ़ा हुआ था , सो सवेरे सवेरे उन्हें लेकर उनके पुराने डॉक्टर के पास गया। क्लिनिक से बाहर उनके गार्डन का नज़ारा दिख रहा था , जहां डॉक्टर साहब योग और व्यायाम कर रहे थे। मुझे करीब 45 मिनिट इंतज़ार करना पड़ा।  कुछ देर में डॉक्टर साहब अपना नींबू पानी लेकर क्लिनिक आये , और माँ का चेक-अप करने लगे। उन्होंने मम्मी से कहा आपकी दवाइयां बढ़ानी पड़ेंगी , और एक पर्चे पर करीब 5 या 6 दवाइयों के नाम लिखे। उन्होंने माँ को दवाइयां रेगुलर रूप से खाने की हिदायत दी। बाद में मैंने उत्सुकता वश उनसे पूछा कि... क्या आप बहुत समय से योग कर

10 november 2020 today's story

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Never give up, I can 🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹🔹                                                                   *👇👇 आज का प्रेरक प्रसंग 👇👇*                                                                              !! *गलती का पश्चाताप* !!         ------------------------------------------                        अध्यापक द्वारा कक्षा में गणित की परीक्षा ली गई। परीक्षा लेने से पहले उन्होंने सभी विद्यार्थियों से कहा, “जो विद्यार्थी सबसे अधिक अंक प्राप्त करेगा उसे पुरस्कार दिया जाएगा।” परीक्षा में केवल एक ही प्रश्न दिया गया। सभी विद्यार्थी उस प्रश्न को हल करने और पुरस्कार प्राप्त करने में जुट गये। लेकिन प्रश्न अत्यंत कठिन था, सरलता से हल नहीं किया जा सकता था। सभी विद्यार्थी जी जान से जुटे हुए थे। बहुत समय तक कोई भी विद्यार्थी उस प्रश्न को हल नहीं कर सका। अंत में एक बालक प्रश्न हल करके अध्यापक के सामने पहुँचा। अध्यापक महोदय ने प्रश्न और उसका हल देखा और पाया कि हल सही है। उन्होंने इन्तजार किया कि शायद अन्य कोई विद्यार्थी भी सही हल निकाल कर ले आए, किन्तु देर तक कोई भी विद्यार्थी सही हल नह

9 November 2020 today's story

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Never give up, I can 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝 *👇👇 आज का प्रेरक प्रसंग 👇👇*                      अपना रास्ता खुद चुने                 -------***------***-----***-----                                               एक छोटे से गाँव में भोलू नाम का एक गधा रहता था। वह गाँव बाकी दुनिया से बिलकुल कटा हुआ था, न वहां कोई आता था और न वहां से कोई कहीं जाता था। एक बार गधे ने सोचा क्यों ना जंगल के उस पार जाकर देखा जाए कि आखिर उस तरफ है क्या? अगले दिन भोर में ही वह जंगल की ओर बढ़ चला। जंगल घना था और गधा मूर्ख। बिना सोचे समझे उसे जिधर मन करता उधर चल पड़ता। जैसे-तैसे करके उसने जंगल पार किया और दूसरी छोर पर स्थित एक और गाँव पहुँच गया। उधर गाँव में हल्ला मच गया कि भोलू गधा गाँव छोड़ कर चला गया है, सब बात करने लगे कि वो कितना भाग्यशाली है, और अब कितनी आराम की ज़िन्दगी जी रहा होगा। लोगों की बात सुनकर कुत्तों  के एक झुण्ड ने भी जंगल पार करने का निश्चय किया। अगली सुबह वह गधे की गंध का पीछा करते हुए उसी रास्ते से जंगल के उस पार चले गए। फिर क्या था, गाँव के अन्य पशुओं में भी जंगल पार करने की होड़ सी लग गयी और सभी गध

8 November 2020 today's story

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Never give up, I can ❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️❄️ *👇👇 आज का प्रेरक प्रसंग 👇👇*                   *!! कोयले का टुकड़ा !!*           ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~                                                 अमित एक मध्यम वर्गीय परिवार का लड़का था। वह बचपन से ही बड़ा आज्ञाकारी और मेहनती छात्र था। लेकिन जब से उसने कॉलेज में दाखिला लिया था उसका व्यवहार बदलने लगा था। अब ना तो वो पहले की तरह मेहनत करता और ना ही अपने माँ-बाप की सुनता। यहाँ तक की वो घर वालों से झूठ बोल कर पैसे भी लेने लगा था। उसका बदला हुआ आचरण सभी के लिए चिंता का विषय था। जब इसकी वजह जानने की कोशिश की गयी तो पता चला कि अमित बुरी संगती में पड़ गया है।  कॉलेज में उसके कुछ ऐसे मित्र बन गए हैं जो फिजूलखर्ची करने, सिनेमा देखने और धूम्र-पान करने के आदि हैं। पता चलते ही सभी ने अमित को ऐसी दोस्ती छोड़ पढाई-लिखाई पर ध्यान देने को कहा; पर अमित का इन बातों से कोई असर नहीं पड़ता, उसका बस एक ही जवाब होता,  मुझे अच्छे-बुरे की समझ है, मैं भले ही ऐसे लड़को के साथ रहता हूँ पर मुझ पर उनका कोई असर नहीं होता… दिन ऐसे ही बीतते गए और धीरे-धीरे परीक्षा के दिन आ

7 November 2020 today's story

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Never give up, I can                   🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 *👇👇 आज का प्रेरक प्रसंग 👇👇*                *!! परोपकार की ईंट !!*          ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~                          बहुत समय पहले की बात है. एक विख्यात ऋषि गुरुकुल में बालकों को शिक्षा प्रदान किया करते थे. उनके गुरुकुल में बड़े-बड़े राजा महाराजाओं के पुत्रों से लेकर साधारण परिवार के लड़के भी पढ़ा करते थे। वर्षों से शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों की शिक्षा आज पूर्ण हो रही थी और सभी बड़े उत्साह के साथ अपने अपने घरों को लौटने की तैयारी कर रहे थे कि तभी ऋषिवर की तेज आवाज सभी के कानो में पड़ी, “आप सभी मैदान में एकत्रित हो जाएं।” आदेश सुनते ही शिष्यों ने ऐसा ही किया। ऋषिवर बोले, “प्रिय शिष्यों, आज इस गुरुकुल में आपका अंतिम दिन है. मैं चाहता हूँ कि यहाँ से प्रस्थान करने से पहले आप सभी एक दौड़ में हिस्सा लें. यह एक बाधा दौड़ होगी और इसमें आपको कहीं कूदना तो कहीं पानी में दौड़ना होगा और इसके आखिरी हिस्से में आपको एक अँधेरी सुरंग से भी गुजरना पड़ेगा.” तो क्या आप सब तैयार हैं?” ” हाँ, हम तैयार हैं ”, शिष्य एक स्वर में बोले. दौड़ शुरू हुई.